आदमी क्या है।
आदमी होने का फर्ज़ जानते हो?
बच्चा पैदा होता है दुनिया पर आश्रित और दुर्घटना अक्सर ये होती है कि वो जैसे-जैसे बड़ा होता है हम उसे दुनिया पर और आश्रित रहना सिखा देते हैं।
शिक्षा अगर ठीक हो तो शिक्षा उसे सिखाएगी- आज़ादी। पर हमारी शिक्षा व्यवस्था ठीक है नहीं, बड़ी अधूरी है तो हम उसे आज़ादी सिखा नहीं पाते।
तो गड़बड़ ही पैदा होता है और वो गड़बड़ी बढ़ती ही जाती है।
तो मनुष्य का फ़र्ज़ यही है कि उसने जो बेवजह अपने आपको दुनिया का गुलाम बना लिया है, उस गुलामी से वो निजात पाए।
देखो कि किस तरह से लोगों ने, चीज़ों ने तुम्हें चारो तरफ से जकड़ रखा है। किन-किन चीज़ों की तुम्हारे मन पर पकड़ है।
जितना पकड़ से आज़ाद होते जाओगे, उतना दिल मस्त होता जाएगा और जिंदगी से डर एकदम दफ़ा होता जाएगा।
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